हौसले बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है , ऐसा ही कुछ कर दिखया है , तेघरा ,बेगूसराय के एक छोटे से गांव हरिहरपुर के इस “प्रतिभा मिश्रा ” ने उम्र महज २७ साल और धैर्य जो समुंद्री तुफानो में भी अडिग रहे । पढ़िए उनके द्वारा the telegraph india को दिए साक्षात्कार के
कुछ अंश ।09bhrnalin1_210259
प्रतिभा मिश्रा : मेरे पापा हिदुस्तान फ़र्टिलाइज़र कारपोरेशन ( बरौनी )में एक सेल्स मैं के तौर पर काम करते थे , कंपनी के बंद होने से बेहद आहत थे , इस गम को भुलाने की लिए उन्होंने ने शराब का सहारा लिया , उनका इस सहारा को लत में बदलते तनिक भी देरी नहीं हुई और वे
हमसे दूर होने लगे , मेरे तीन भाई रोजगार के तलाश में देश के अलग – अलग शहरों में चले गए । जिन्दी के इस उथल – पुथल में भी इन्होने अपना लक्ष्य को नहीं छोड़ा और रिस्तेदार और आस – पास के सहयोग ने इन्होने अपने ही गांव में इस्तिथ उच्च विधालय से दसवीं की परीक्षा
२००६ में पास किया, लेकिन ताक़िफ़ तो जब और बढ़ गयी जब छत से गिड़ने के वजह से उनकी
रीढ़ की हड्डी टूट गयी ।

प्रतिभा मिश्रा – मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी, हमारे पास पैसे भी नहीं थे , हमारे कुछ रिश्ते ने मुझे पटना और बेगूसराय के कई अस्पताल में , इलाज के लिए ले गया । कई जगह physiotherapy के लिए भी जाना पड़ा । लेकिन मैं अपने पाऊँ पर खड़ा नहीं हो सका , लेकिन तकलीफ के इस घरी में भी मैंने पढाई नहीं छोड़ी ।

प्रतिभा अभी बिहार से बहार एक निजी विश्वविधलया में mass कम्युनिकेशन की विधार्थी है , और जज्बा रखती है कुछ अलग करने की ।
प्रतिभा ने बताया की बारहवीं के परीक्षा के उनके गांव के एक रिटायर श्री शुभद्रा चौधरी ने उनको आर्थिक , सहानभूति , और पढाई में मदद की । NGO एकता शक्ति के एक सदस्य ने उनके लिए व्हील चेयर की वयवस्था करवाई , राकेश पांडेय ( local journalist ) जी ने अर्थ
की वयवस्था करवाई । प्रतिभा बहुत पहले ही समझ गयी थी की जीवन चुनौती से भरा होने वाला है , लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था की अच्छे काम करने वालो के लिए मदद करने वाले अच्छे लोगो की दुनिया में कमी नहीं है , उन्होंने ने कुछ और NGO के बारे में बताया जिन्होंने BA (journalism and mass comm) में एडमीशन लेने में उनकी मदद की fee for the course is Rs 1.3 lakh per annum and Rs 30,000 per annum for the hostel की कोई भी कुछ भी उन्हें अपने तरफ से नहीं देनी पड़ी , यंहा तक की खाने- पिने का भी खर्च नहीं देना पड़ता, विश्वद्यालय ने दिव्यांग विधार्थियो के लिए विशेष शुल्क ( कम) वयवस्था कर राखी है , फिल्म प्रॉडकशन डिपार्टमेंट इन पर एक फिल्म बनाने जा रही ,
चन्दन कुमार पटेल ( बिहार डेलीगेशन ) के तरफ से आप को इस उपलब्धि के लिए ढेरो सुभकामना , हम आपके के जज्बे को सलाम करते है ।