slider2-1024x354क्यों निशाना बनाया जा रहा है पॉलिटकल पार्टी द्वारा नॉन पॉलिटकल पार्टी और NGO को
गूगल  पर NON POLITICAL PARTY IN BIHAR  सर्च कीजिए गा तो आपको को पॉलिटकल पार्टी का विवरण मिलेगा ऐसा क्यों ? बिहार सरकार ने पॉलिटकल पार्टी द्वारा नॉन पॉलिटकल पार्टी और NGO और के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन सुविधा वेबसाइट https://biharregd.gov.in/Society/Home.aspx तो दे रखी है लेकिन वंहा से आपको रजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगा , वेबसाइट के शुरुआती स्टेप ही काम करेंगे , आप से आप का विवरण पूछा जायेगा आपकी की सारी डिटेल पूछी जाएगी फिर जब फाइनल सबमिट की बात आएगी तो वेबसाइट काम नहीं करेगी , फिर आपको ऑफ लाइन वाली सुविधा का इस्तेमाल करना पड़ेगा , उसके बाद तो वीडियो शाहब , मुखिया जी , के आगे पीछे डोलते रहिये , सीधा मतलबकी बात करू तो मेरे जानकारी के अनुसार बिहार के लगभग ८० % नॉन पॉलिटकल पार्टी और NGO पॉलिटिकल पार्टी के हाथ में ही है , किसी नेता के पत्नी के से , किसी मुखिया के भाई के नाम से अगर कोई नॉन – पॉलिटिकल पार्टी स्वतंत्र रूप से कुछ करना चाहे तो या तो सहयोग नहीं मिलेगा या फिर राजनितिक , कानूनी हथकंडे में फसा दिया जायेगा , मिशाल के तौर पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन का विवाद ही देख ले , कल तो जो मिथिला के हक़ के की बात कर रहा था , मिथिला के विधार्थियो के लिये , यूनिवर्सिटी के बहार धरने पर बैठा हुआ था आज के अखबारों में राजनितिक विवादों में उलझ गयी है , कुछ राजनितिक लोग कहेगे की अगर आप गैर राजनितिक पार्टी है तो फिर किसी राजनितिक पार्टी ऊपर ही टारगेट क्यों कर
रही तो आप को बता दूँ शुरुआत राजनितिक पार्टी के तरफ से हुई सबसे पहले मैं आप को स्पस्ट कर दूँ की “मिथिला स्टूडेंट यूनियन ” के स्टार सागर नवदिया दोषी है या निर्दोष ये मैं
हम नहीं बता सकते से ये कानून का काम है न्यालय का काम है और बिहार डेलीगेशन न्यालय का सम्मान करता है जो भी फैसला हो स्वीकृत है , बात करूंगा घटना की जो १५ नवंबर को घटित हुई थी , स्थानीय बीजेपी के नेता के पत्नी की घर पर कथित तौर पर चोरी
का मामला स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई कुछ उपदर्वी लड़को ने उनके घर से ५० हजार
की चोरी कर लिया है और अभद्र व्यवहार किया है , जहाँ तक नाम की बात है सीधे तौर पर तो उस घटना में मिथिला स्टूडेंट का नाम लिया गया तो सामने वाले भी आप का नाम लेंगे इसमें कोई अतीसोयक्ति नहीं होनी चाहिए , पांच दिन विरोध कुछ अखबारों में आज मिथिला स्टूडेंट यूनियन का आस्थानिये नेता के खिलाप प्रदर्शन आज का हैडलाइन है , आप की लिए
कुछ टीवी वालो ने ५ मिनट बाद ही न्यूज़ चला दिया था , सायद आप भी इस बात से इंकार
करे या मिथिला स्टूडेंट यूनियन ये कहे की उन्हें पता नहीं था ऐसा कुछ नहीं कई लोगो ये
बात पता थी , मिथिला स्टूडेंट यूनियन के इस फैसला का मैं सम्मान करता हूँ की उन्होंने
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी चलो आंदोलन के समय ये बात उस समय प्रदर्शन
कर रहे विधार्थियो से छुपाया ,उन्हें क्या किसी भी राजनितिक या गैर राजनितिक पार्टी या
किसी भी व्यक्ति को उचित नहीं है की वे भीड़ भरकाये , लेकिन अब क्या होगा ? कुछ दिनों
तक पढाई करने वाली विद्यार्थी , काम करने वाली नॉन पोलिटिकल पार्टी , राजनितिक पार्टी
वाली काम करेगी विरोध प्रदर्शन , फेसबुक , ट्विटर से एक दूसरे के खिलाप गलत बाते । जब विकिपीडिया पर आने वाली नॉन पॉलिटकल पार्टी का ये हाल है तो बाकि तो बात करना ही बेमानी है जबकि दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं होता राजनितिक पार्टी गैर राजनितिक पार्टी का समर्थन करती है उनका सहयोग करती है । मुझे नहीं लगता की किसी राज्य का विकास राजनितिक पार्टी अकेले कर लेगी , बिना किसी व्यक्ति के सहयोग के , बिना किसी विपक्ष के सहयोग के , बिना किसी नॉन – पॉलिटिकल पार्टी के सहयोग के , बिना किसी NGO के सहयोग के कर सकते हो तो करके दिखाओ अगर बात बड़ी लगी तो ये वाला https://biharregd.gov.in/Society/Home.aspx  वेबसाइट चालू करवाओ ।
या कोई और पता है तो बताओ , कुछ नहीं कर सकते तो डिजिटल बिहार का ढोंग हटाओ ।
जनता आराम से सो रही ये समझ कर आप भी सो जाओ । चन्दन (बिहार डेलीगेशन )